मावल ‘पैटर्न’ फेल, अजित पवार गुट की राष्ट्रवादी के सुनील शेलके विजयी
पुणे. मावल विधानसभा क्षेत्र में महायुति के नाराज नेताओं द्वारा बनाए गए ‘मावल पैटर्न’ को करारी हार का सामना करना पड़ा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक सुनील शेलके ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए 1 लाख से अधिक मतों के अंतर से विजय प्राप्त की है।
मावल विधानसभा सीट पर इस बार की लड़ाई ने पूरे राज्य का ध्यान आकर्षित किया था। यहां राष्ट्रवादी (अजित पवार गुट) के उम्मीदवार सुनील शेलके और महायुति के नाराज नेताओं द्वारा समर्थन प्राप्त निर्दलीय उम्मीदवार बापू भेगडे के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी। हालांकि, परिणाम सुनील शेलके के पक्ष में रहा। इस बार मतदान प्रतिशत में 1.43% की वृद्धि दर्ज की गई, जो कुल 32,358 अधिक वोट है।
सुनील शेलके का सियासी सफर
सुनील शेलके पहले बीजेपी के नेता थे। 2019 में बीजेपी द्वारा टिकट न मिलने पर उन्होंने बगावत की और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। उस समय उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक बाला भेगडे को हराया था। इसके बाद से मावल में बीजेपी और शेलके के बीच गहरा राजनीतिक संघर्ष चल रहा है।
इस बार भी बीजेपी ने मावल सीट पर दावा किया, लेकिन यह सीट उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी गुट को मिली। पवार ने दोबारा सुनील शेलके पर भरोसा जताया, जिससे महायुति में फूट पड़ गई।
मावल ‘पैटर्न’ की हार
बीजेपी के पूर्व विधायक बाला भेगडे, जो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं, ने मावल ‘पैटर्न’ तैयार किया। बाला भेगडे ने अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय उम्मीदवार बापू भेगडे का समर्थन किया। उन्होंने अपने पद और बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष गणेश भेगडे के साथ मिलकर बापू भेगडे को प्रचारित किया।
महाविकास अघाड़ी और मनसे ने भी बापू भेगडे का समर्थन किया। वहीं, राष्ट्रवादी (अजित पवार गुट) के कुछ नेता भी बापू भेगडे के साथ खड़े हो गए। इसके बावजूद जनता ने सुनील शेलके को समर्थन दिया और उन्हें भारी बहुमत से विजयी बनाया।
मतदान के आंकड़े
मावल विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,86,172 मतदाता हैं, जिनमें से 72.59% यानी 2,80,319 मतदाताओं ने वोट डाला। इनमें 1,44,214 पुरुष, 1,36,102 महिलाएं और 3 अन्य मतदाता शामिल हैं।
सुनील शेलके ने लगातार दूसरी बार एकतरफा जीत हासिल की है। 2019 में भी उन्होंने 94,000 मतों से जीत दर्ज की थी। इस बार की जीत उनके लिए और भी बड़ी मानी जा रही है।