पुणे. शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के उद्देश्य से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई ‘एडाप्टिव ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ (एटीएमएस) की जिम्मेदारी अगले पांच वर्षों तक स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा संभाली जाएगी। कंपनी ने इस संबंध में महापालिका को पत्र सौंपा है और अंतिम निर्णय स्मार्ट सिटी कंपनी के संचालक मंडल की बैठक में लिया जाएगा। यह जानकारी महापालिका के अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी. पी. ने दी।
केंद्र सरकार ने ‘स्मार्ट सिटी’ प्रोजेक्ट को बंद करने की घोषणा की थी, जिससे कई प्रोजेक्ट्स का भविष्य अनिश्चित हो गया था। हालांकि, अब केंद्र ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को मार्च 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके बाद एटीएमएस प्रणाली के रखरखाव और संचालन को लेकर सवाल उठ रहे थे। शुरुआत में इसे ट्रैफिक पुलिस को सौंपने की योजना थी, लेकिन पुलिस ने इस जिम्मेदारी को लेने से इनकार कर दिया। ऐसे में यह जिम्मेदारी महापालिका पर आने की संभावना थी।
हालांकि, स्मार्ट सिटी कंपनी ने अब इस परियोजना को अगले पांच वर्षों तक अपने पास रखने की स्वीकृति दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि प्रोजेक्ट का संचालन स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा ही किया जाएगा।
क्या है एटीएमएस योजना?
एटीएमएस प्रणाली को शहर में ट्रैफिक की स्थिति और वाहनों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। इसके तहत पुणे के 124 चौराहों पर आधुनिक सिग्नल प्रणाली स्थापित की गई है। इस परियोजना की लागत लगभग 102 करोड़ रुपये आई है। इसके रखरखाव और मरम्मत के लिए हर साल 11 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है, जिसे महापालिका स्मार्ट सिटी कंपनी को देगी।
पुलिस की एनओसी की आवश्यकता नहीं
इस प्रणाली के संचालन को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने महापालिका को पहले एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि कंपनी को भुगतान से पहले पुलिस की एनओसी अनिवार्य हो। लेकिन अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी. पी. ने स्पष्ट किया है कि यह करार महापालिका और कंपनी के बीच है, और इसमें पुलिस की एनओसी की आवश्यकता नहीं है।