सरकारी अभियोजक: न्यायव्यवस्थे का आधार स्तंभ : प्रा. डॉ. मंगेश कराड
एमआईटी एडीटी में सरकारी अभियोजकों का मार्गदर्शन सत्र आयोजित

पुणे: न्यायिक प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करने में सरकारी अभियोजकों की भूमिका अहम है। उन्होंने अब तक कई जटिल मामलों में अपने मुवक्किल की मजबूती से पैरवी कर न्याय दिलाने का कार्य किया है। इसके चलते न्यायालयीन प्रक्रियाओं पर आम जनता का विश्वास और गहरा हुआ है। यह बात एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष प्रा. डॉ. मंगेश कराड ने व्यक्त की।
वे एमआईटी आर्ट, डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ द्वारा आयोजित “सरकारी अभियोजक और कानूनी सुधार” विषय पर मार्गदर्शन सत्र के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस सत्र में 20 सरकारी अभियोजकों ने भाग लेकर विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।
इस अवसर पर सुप्रिया मोरे (सहायक निदेशक और सरकारी अभियोजक), विजयसिंह जाधव, स्कूल ऑफ लॉ की डीन डॉ. सपना देव सहित कई मान्यवर उपस्थित रहे।
अभियोजक बनने की प्रक्रिया और सामाजिक भूमिका पर चर्चा
सुप्रिया मोरे देसाई ने विद्यार्थियों को सरकारी अभियोजक बनने की प्रक्रिया, परीक्षा की तैयारी और इस भूमिका के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं विजयसिंह जाधव ने सरकारी अभियोजक की सामाजिक जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला।
डॉ. सपना देव ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हमारे विद्यार्थी कानून के क्षेत्र में न केवल सक्षम बल्कि जिम्मेदार अधिकारी बनें।”
अभियोजक परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष केंद्र की घोषणा
कार्यक्रम के दौरान स्कूल ऑफ लॉ की ओर से सरकारी अभियोजक परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष केंद्र स्थापित करने की घोषणा की गई। इस केंद्र में केस स्टडीज, न्यायालयीन प्रक्रियाओं का व्यावहारिक प्रशिक्षण और परीक्षा की गहन तैयारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।