
पुणे:भारती विद्यापीठ अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पुणे में नव स्थापित उच्च-प्रदर्शन संगणन (‘एचपीसी’) लैब का उद्घाटन और “शैक्षणिक सशक्तिकरण: शिक्षा और अनुसंधान में उच्च-प्रदर्शन संगणन का समावेश” विषय पर एक दिवसीय प्राध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह पहल भारत सरकार के नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत सी-डैक (पुणे) और वालचंद अभियांत्रिकी महाविद्यालय (सांगली) के सहयोग से आयोजित की गई।
एचपीसी लैब का उद्घाटन सी-डैक (पुणे) के उच्च-प्रदर्शन संगणन विभाग के वरिष्ठ निदेशक आशीष कुवळेकर के करकमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर भारती विद्यापीठ अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डॉ. आर. एस. प्रसाद, सी-डैक (पुणे) के उच्च-प्रदर्शन संगणन विभाग की संयुक्त निदेशक श्रीमती श्वेता दास, वालचंद अभियांत्रिकी महाविद्यालय, सांगली के कंप्यूटर साइंस विभाग की प्रमुख डॉ. मेधा शाह, सलाहकार मार्गदर्शक मंदार गुरव, एसोसिएट प्रोफेसर एस. एस. पाटिल, असिस्टेंट प्रोफेसर ए. एस. पवार, भारती विद्यापीठ अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्रशासनिक उप-प्राचार्य डॉ. सचिन चव्हाण, उप-प्राचार्या डॉ. सुनीता जाधव, कंप्यूटर अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख डॉ. संदीप वंजळे, और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रकाश देवळे उपस्थित थे।
उद्घाटन के उपरांत, प्राध्यापकों और शोधकर्ताओं के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्राचार्य डॉ. राजेश प्रसाद ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों, रैंकिंग और गौरवशाली मान्यताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह लैब जटिल सिमुलेशन, डेटा विश्लेषण और उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग की आवश्यकता वाले अनुसंधान को बढ़ावा देगी, जिससे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, वैज्ञानिक अनुसंधान और अभियांत्रिकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, आशीष कुवळेकर ने कहा कि एचपीसी उन्नत अनुसंधान की रीढ़ है। उन्होंने बताया कि यह तकनीक बड़े पैमाने पर डेटा की तेज़ी से प्रोसेसिंग और जटिल सिमुलेशनों को सुगम बनाती है। इसका उपयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर वैज्ञानिक अनुसंधान तक विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जिससे शिक्षा और उद्योग दोनों को सशक्त बनाया जाता है। अपने व्याख्यान में उन्होंने सुपरकंप्यूटर के विकास, उनकी संरचना और कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा की और एनएसएम के तहत विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को उपलब्ध सुविधाओं व अवसरों की जानकारी दी।
इसके बाद के सत्रों में श्रीमती श्वेता दास, डॉ. मेधा शाह, मंदार गुरव, एस. एस. पाटिल और श्रीमती ए. एस. पवार ने महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन दिया। इस कार्यक्रम का संचालन श्रीमती देवयानी जगदाळे ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रकाश देवळे ने किया।