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अच्छे नगर नियोजन के लिए निर्णयकर्ता और आर्किटेक्ट साथ आए – प्रो. डॉ. मेधा कुलकर्णी

वीके ग्रुप द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 'वीकलेक्टिव' प्रदर्शनी के समापन

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पुणे ,  “शहरीकरण की गति आने वाले समय में भी तेज बनी रहेगी। इसलिए, हमारे शहरों का सुव्यवस्थित और सुंदर होना आवश्यक है। इसके लिए राजनीतिक नेता और वास्तुशास्त्री (आर्किटेक्ट) एक साथ आएं, यह जरूरी है,” ऐसा मत राज्यसभा सांसद प्रो. डॉ. मेधा कुलकर्णी ने व्यक्त किया।

पुणे स्थित वीके ग्रुप द्वारा अपनी ५१वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘वीकलेक्टिव – बिल्डिंग द सिटी वी कॉल होम’ इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी के समापन समारोह में प्रो. डॉ. मेधा कुलकर्णी बोल रही थीं। घोले रोड स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र गोसेवा आयोग के अध्यक्ष शेखर मुंदड़ा, वीके ग्रुप के संस्थापक विश्वास कुलकर्णी, प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कुलकर्णी, निदेशक विजय साने, निदेशिका अनघा परांजपे-पुरोहित, अपूर्वा कुलकर्णी आदि मान्यवर उपस्थित थे।

कार्यक्रम में महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक बृजेश दीक्षित ने ‘पुणे के सतत विकास में मेट्रो का योगदान’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जबकि स्मार्ट सिटी मिशन के सहसचिव कुणाल कुमार ने ‘स्मार्ट सिटीज मिशन: सफलता और भविष्य की दिशा’ विषय पर मार्गदर्शन किया।

प्रो. डॉ. मेधा कुलकर्णी ने कहा, “हमारे यहां वास्तुकला पर चर्चा करते समय प्राचीन और ऐतिहासिक काल की बातें की जाती हैं, लेकिन मध्यकालीन वास्तुकला पर अधिक चर्चा नहीं होती। अब एक बार फिर वास्तुकला क्षेत्र में विकास हो रहा है। इसमें वीके ग्रुप जैसी समृद्ध परंपरा वाली संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। हवाई अड्डे, अस्पताल, शैक्षणिक परिसर, आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं, सड़कें – इन सभी को अधिक नियोजित और सुंदर बनाने की आवश्यकता है। तकनीकी युग में नई तकनीकों का उपयोग करके वास्तुशास्त्रियों को शहरों की योजना में योगदान देना चाहिए।”

महाराष्ट्र गोसेवा आयोग की संरचना और कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए शेखर मुंदड़ा ने कहा, “देश के १० राज्यों में गोसेवा आयोग कार्यरत हैं, जिनमें महाराष्ट्र का आयोग अग्रणी है। महाराष्ट्र पहला राज्य है जिसने गाय को ‘राज्यमाता’ का दर्जा दिया। आयोग द्वारा प्रत्येक देशी गोवंशीय गाय को प्रति माह १५०० रुपये तथा प्रत्येक तालुका की गोशाला को ५ लाख रुपये की सहायता दी जाती है। राज्य में गो-साक्षरता बढ़ाने की आवश्यकता है, और इसके लिए ‘गो पर्यटन’ की संकल्पना पर विचार चल रहा है। वास्तुशास्त्रियों को अब गृह-परियोजनाओं में ‘गो पार्क’ का विकल्प देना चाहिए।”

इस प्रदर्शनी में पुणे मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्रवण हार्डीकर, महिंद्रा लाइफस्पेसेस के सीईओ अमित सिन्हा, बिजनेस हेड विमलेंद्र सिंह सहित अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी भाग लिया और आयोजन की सराहना की। संचालन मीनल पाटिल ने किया, जबकि रक्षा कपले ने आभार व्यक्त किया।

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