
पुणे। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और राज्य सरकार की ग्रामीण घरकुल योजना के तहत पुणे संभाग में 20 लाख लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ महाआवास अभियान के तहत घरों का निर्माण 100 दिनों में पूरा कर लाभार्थियों को हस्तांतरित करने के निर्देश ग्राम विकास एवं पंचायत राज विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डवले ने दिए हैं।
महाआवास अभियान 2024-25 के तहत पुणे संभाग स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर आयोजित बैठक में श्री डवले अधिकारियों को मार्गदर्शन कर रहे थे। इस बैठक में विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, ग्रामीण गृहनिर्माण परियोजना के राज्य प्रबंधन कक्ष के निदेशक डॉ. राजाराम दिघे, पुणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानन पाटिल, सातारा जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी याशनी नागराजन, सांगली जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी तृप्ति घोडमिसे, कोल्हापुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस. कार्तिकेयन और उपायुक्त (विकास) विजय मुळे उपस्थित थे।
इस अवसर पर पुणे जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी, सांगली जिलाधिकारी डॉ. राजा दयानिधि, कोल्हापुर जिलाधिकारी अमोल येडगे, सोलापुर जिलाधिकारी कुमार आशीर्वाद और सातारा के निवासी उपजिल्हाधिकारी नागेश पाटिल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
प्रधान सचिव श्री डवले ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न ग्रामीण गृहनिर्माण योजनाओं को 100 दिनों के भीतर गति देने के लिए महाआवास अभियान शुरू किया गया है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाले मकान समय पर उपलब्ध कराए जाएं। योजना के कार्यान्वयन में जिला और तालुका स्तर की एजेंसियों को सभी कमियों को शीघ्र दूर करते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, ताकि लाभार्थियों को जल्द से जल्द घर हस्तांतरित किए जा सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि परियोजना में अनावश्यक बाधाएं न आएं और कानूनों व नियमों का उपयोग आमजन को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाए।
इस दौरान श्री डवले ने जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं को जाना और उनके समाधान के निर्देश दिए।
विभागीय आयुक्त डॉ. पुलकुंडवार ने अधिकारियों से कहा कि घरकुल योजनाओं के लाभार्थियों का पंजीकरण करते समय उनकी व्यक्तिगत जानकारी और आधार नंबर की सही प्रविष्टि सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि जिला अधिकारियों को घर निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को प्राथमिकता से पूरा करना चाहिए और इसमें वन विभाग का सहयोग लिया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि निर्मित घरों के आसपास वृक्षारोपण, सड़कों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट्स और सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाए, जिसके लिए जिला परिषद और राजस्व विभाग समन्वय में काम करें। 100 दिनों में पूरी की जाने वाली परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए बैठकें आयोजित की जाएं।
इस अवसर पर ग्रामीण गृहनिर्माण परियोजना के निदेशक डॉ. दिघे ने कहा कि लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता के मकान उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए और आने वाली समस्याओं को हल किया जाए।
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), रमाई आवास योजना, शबरी आवास योजना, आदिम आवास योजना, पारधी आवास योजना, अटल निर्माण कामगार आवास योजना, यशवंतराव चव्हाण मुक्त वसाहत योजना, पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर आवास योजना, मोदी आवास योजना, पीएम जनमन योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमि खरीद सहायता योजना की प्रगति की समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान महाआवास अभियान 2024-25 की जानकारी देने वाले पुस्तिका का विमोचन किया गया।