
पुणे। राष्ट्रीय चर्मकार महासंघ की ओर से कांग्रेस भवन में भव्य “वधु-वर परिचय मेळावा” का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बेटे-बेटियों के साथ उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में पूर्व विधायक रविंद्र धंगेकर (कसबा विधानसभा), अरविंद शिंदे (अध्यक्ष, पुणे शहर जिला कांग्रेस) और प्रशांत जगताप (अध्यक्ष, पुणे शहर राष्ट्रवादी समाजवादी पार्टी) उपस्थित थे।
मेळावे में उपस्थित अभिभावकों ने अपने बच्चों के विवाह योग्य रिश्तों के लिए पंजीकरण कराया। इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व विधायक रविंद्र धंगेकर ने कहा कि वर्तमान समय में वधु-वरों को समय के अनुसार समायोजन (एडजस्टमेंट) करना आवश्यक है। कई बार देखा जाता है कि लड़की अधिक शिक्षित होती है या फिर लड़का अधिक पढ़ा-लिखा होता है, जिससे वे एक-दूसरे को नकार देते हैं। इससे विवाह में देरी होती है और सही जीवनसाथी मिलने में मुश्किलें आती हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के रिश्ते तय करने में समझदारी से निर्णय लें।
उन्होंने आगे कहा कि मोबाइल के कारण लोग आपस में दूर हो गए हैं, लेकिन समाज को ऐसे परिचय मेळावों के माध्यम से एकजुट रहना चाहिए। शादी तय हो या न हो, लोगों को एक-दूसरे के संपर्क में रहना जरूरी है। पैसा जीवन में आवश्यक है, लेकिन अंततः समाज और मनुष्य ही काम आते हैं।
इस अवसर पर प्रशांत जगताप ने उपस्थित चर्मकार समाज के सभी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के व्यस्त जीवन में नौकरी और सही रिश्ता खोजना कठिन हो गया है, लेकिन इस तरह के परिचय मेळावे विवाह योग्य युवक-युवतियों को उपयुक्त जीवनसाथी खोजने में सहायक साबित हो सकते हैं।
अरविंद शिंदे ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस वधु-वर परिचय मेळावे का आयोजन कांग्रेस भवन में किया जाना गर्व की बात है, क्योंकि इस ऐतिहासिक स्थल पर महात्मा गांधी भी आ चुके हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी समाज के लिए कांग्रेस भवन उपलब्ध रहेगा।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय चर्मकार महासंघ के नितीन शेरखाने, डॉ. सुरेश शिकरे, प्राचार्य विठ्ठल रोकडे, गुलाब गायकवाड, उत्तरेश्वर कांबळे, ज्ञानबाहराळे पाटील, जगदीश पोटे, मंगेश गायकवाड, लक्ष्मण कांबळे, अरुण गजरे, जंगल गजरे, कैलास भोसले, अनिल सातपुते, श्रीकुमार काळे, अनिल गद्रे, संदीप तायडे सहित समाज के कई प्रतिष्ठित लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का प्रस्तावना संतोष टोणपे ने प्रस्तुत किया, संचालन राजेंद्र ढवळे ने किया और आभार प्रदर्शन राजाभाऊ पोटे ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन की जिम्मेदारी मोहन गदरे ने निभाई।