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विश्वनाथ स्पोर्ट मिट’ जैसे मंचों से खिलाड़ी बनते हैं – खेलमंत्री दत्तात्रेय भरणे

एमआईटी आर्ट, डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी द्वारा 'विश्वनाथ स्पोर्ट मिट (VSM-2025)' के उद्घाटन

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पुणे. भारत युवाओं का देश है, और इन्हीं युवाओं की ताकत से हम विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। इस सपने को साकार करने में खेल और खिलाड़ियों की भूमिका अहम है। खिलाड़ी मानसिक और शारीरिक रूप से फिट होने के साथ-साथ टीम भावना और खेलभावना से ओतप्रोत होते हैं। ऐसे गुणों का विकास मुख्य रूप से कॉलेज जीवन में होता है। इसी दौरान ‘विश्वनाथ स्पोर्ट मिट’ जैसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से खिलाड़ियों को मंच मिलता है, जिससे वे निखरते हैं। यह विचार महाराष्ट्र के खेल और युवा कल्याण मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने व्यक्त किए।

एमआईटी आर्ट, डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, विश्वराजबाग, पुणे द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय ‘विश्वनाथ स्पोर्ट मिट (VSM-2025)’ के उद्घाटन अवसर वे पर बोल रहे थे। इस अवसर पर माईर्स एमआईटी शिक्षा समूह के संस्थापक विश्वधर्मी प्रा. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, राजीव गांधी खेलरत्न और अर्जुन पुरस्कार विजेता निशानेबाज अंजली भागवत और अर्जुन पुरस्कार विजेता पैरा एथलीट सचिन खिलारे (रजत पदक विजेता, पेरिस पैरालंपिक 2024), एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्याध्यक्ष प्रा. डॉ. मंगेश तु. कराड, कुलगुरु प्रा. डॉ. राजेश एस., कार्यकारी संचालक डॉ. सुनीता कराड, उप-कुलगुरु डॉ. रामचंद्र पुजेरी, डॉ. मोहित दुबे, कुलसचिव डॉ. महेश चोपड़े, खेल विभाग के संचालक और शिवछत्रपती पुरस्कार विजेता प्रा. पद्माकर फड, और छात्र कल्याण विभाग के संचालक डॉ. सुराज भोयर उपस्थित थे।

खेल के बदलते आयाम
दत्तात्रेय भरणे ने कहा कि वर्तमान में भारत में खेलों का स्वर्ण काल चल रहा है। पहले अभिभावक बच्चों को सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह देते थे, लेकिन अब वे खेलों को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। एमआईटी एडीटी जैसे विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने विश्वविद्यालय की विश्व स्तरीय खेल सुविधाओं की भी प्रशंसा की।

युवा खिलाड़ियों को मंच देने का प्रयास
प्रा. डॉ. मंगेश कराड ने कहा कि भारत की खेल संस्कृति तेजी से विकसित हो रही है। इससे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर हो रहा है। ‘विश्वनाथ स्पोर्ट मिट’ का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मंच प्रदान करना है।

खिलाड़ियों के अनुभव और संदेश
सचिन खिलारे ने अपनी सफलता का श्रेय खेल को देते हुए कहा, “खेलों में निरंतरता बेहद जरूरी है। मैंने इंजीनियरिंग छोड़कर खेलों को चुना और पेरिस पैरालंपिक 2024 में पदक जीता।” उन्होंने छात्रों से खेलों में लगातार प्रयास करने की अपील की।

अंजलि भागवत ने खेल को करियर के रूप में चुनने से पहले आत्म मूल्यांकन करने और खेल का आनंद लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “पोडियम पर खड़े होकर राष्ट्रगान सुनने जैसा गौरव कोई दूसरा नहीं।”

प्रा. डॉ. विश्वनाथ कराड ने अपने संबोधन में कहा, “खेल केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं, बल्कि मानसिक शांति का माध्यम भी है। यह विश्व शांति स्थापित करने का सशक्त माध्यम है।”

उद्घाटन का समापन
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्व शांति प्रार्थना और ध्वजारोहण के साथ हुआ। समारोह का समापन राष्ट्रगान और फुटबॉल प्रतियोगिता की शुरुआत के साथ किया गया।

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