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मध्य रेल पर छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का आयोजन: एक महान नेता की विरासत का सम्मान

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मध्य रेल के महाप्रबंधक का महान राजा छत्रपति शिवाजी महाराज को अभिवादन

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के अवसर पर, मध्य रेल ने दूरदर्शी मराठा योद्धा, छत्रपति शिवाजी महाराज की चिरस्थायी विरासत का जश्न मनाया, जिनका नेतृत्व, सैन्य प्रतिभा और क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत में योगदान पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री धर्मवीर मीना ने महान राजा को उनकी जयंती पर माल्यार्पण कर उनका अभिवादन किया । । सीएसएमटी हेरिटेज बिल्डिंग में महाप्रबंधक द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते ही सीएसएमटी हेरिटेज बिल्डिंग “छत्रपति शिवाजी महाराज की जय” के नारों से गूंज उठी।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री मीना ने कहा “छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे महान राष्ट्रीय नायकों में से एक हैं। उन्होंने हिंदवी स्वराज की नींव रखी जो न्याय, नैतिकता और सहिष्णुता पर आधारित थी। वह वास्तव में एक दयालु, उदार और धर्मनिरपेक्ष राजा थे।

इस आयोजन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मार्च 1996 में आया, जब प्रतिष्ठित विक्टोरिया टर्मिनस (VT) का नाम आधिकारिक तौर पर महान राजा के सम्मान में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के रूप में परिवर्तित किया गया, बाद में 2017 में स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) कर दिया गया। यह परिवर्तन महाराष्ट्र के जन साधारण की हार्दिक भावनाओं को दर्शाता है और महाराष्ट्र की पहचान को आकार देने में शिवाजी महाराज की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। VT स्टेशन का नाम परिवर्तन केवल नाम बदलना ही नहीं है यह, यहाँ के जन साधारण को सुरक्षा की भावना, न्यायपूर्ण और प्रगतिशील राज्य बनाने और नेतृत्व की उनकी अदम्य भावना के प्रति उनकी अथक प्रतिबद्धता को नमन है।

त्तपश्चात् 7 अप्रैल 2004 को, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया। 1887 में निर्मित यह वास्तुशिल्प, विरासत स्थल वास्तुशिल्प कला मुंबई के श्रेष्ठ विरासत स्थलों में से एक है। एक महत्वपूर्ण रेलवे हब के रूप में, यह लाखों दैनिक यात्रियों और लंबी दूरी के यात्रियों की सेवा में निरंतर लगा हुआ है। इस स्टेशन का केवल नाम बदल गया है, किन्तु मुंबई के व्यस्त रेलवे नेटवर्क के केंद्रीय प्रतीक के रूप में स्टेशन की विरासत की गरिमा आज भी यथावत बनी हुई है।

छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर, आइए हम उनकी विरासत और उनके नेतृत्व के प्रभाव पर विचार करें। साहस, लचीलापन और अपने लोगों के प्रति कर्तव्य की गहरी भावना के उनके मूल्य हमें भविष्य में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन करते हैं, हमारे समृद्ध इतिहास में उनके योगदान का सम्मान करते हैं।

इस अवसर पर मध्य रेल के प्रमुख विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।

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