
पुणे। पुणे नगर निगम द्वारा संचालित नदी पुनर्जीवन परियोजना की राह में आ रही बाधा अब दूर हो गई है। इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक संगमवाड़ी क्षेत्र की रक्षा विभाग की 17 एकड़ भूमि अब पुणे नगर निगम को हस्तांतरित कर दी गई है। रक्षा विभाग ने इस संबंध में नगर निगम को पत्र जारी कर भूमि सौंपने की पुष्टि की है, जिससे परियोजना के कार्यों में तेजी आने की संभावना है।
पुणे शहर से बहने वाली मुला-मुठा नदियों के एकीकृत विकास के लिए नगर निगम द्वारा एक व्यापक योजना लागू की जा रही है। इस नदी सुधारना परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने विशेष धनराशि भी उपलब्ध कराई है।
शहर में इन नदियों की कुल लंबाई 44.40 किलोमीटर है। पूरी परियोजना को 11 भागों में विभाजित किया गया है। इसमें संगमवाड़ी से बंडगार्डन पुल तक का क्षेत्र भी शामिल है, जहां सादलबाबा दरगाह से संगमवाड़ी श्मशानभूमि के बीच की भूमि रक्षा विभाग के अधीन थी। नगर निगम लंबे समय से इस भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया में लगा हुआ था।
इस परियोजना के लिए रक्षा विभाग की 17 एकड़ भूमि नगर निगम को मिले, इसके लिए नगर निगम ने एक प्रस्ताव तैयार कर रक्षा विभाग को भेजा था। इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोळ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर लगातार प्रयास किए। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप अब रक्षा विभाग ने इस भूमि को नगर निगम को हस्तांतरित करने का पत्र भेज दिया है।
रक्षा विभाग द्वारा भूमि हस्तांतरित किए जाने के बाद इस परियोजना के काम में तेजी आने की उम्मीद है। नगर निगम के अधिकारियों ने विश्वास जताया है कि आगामी कुछ दिनों में यह परियोजना पूरी तरह से गति पकड़ लेगी।
मोहोल ने जताया संतोष
केंद्रीय राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि पहले रक्षा विभाग की भूमि प्राप्त करने में काफी समय लगता था, लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद इस प्रक्रिया में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि शहरी परियोजनाओं की महत्ता और उनकी आवश्यकता को देखते हुए सरकार तेजी से फैसले ले रही है। इस भूमि के हस्तांतरण से नदी पुनर्जीवन परियोजना के कार्यों को और गति मिलेगी।