शिवशाही बस में बलात्कार: क्या राज्य में आ चुका है गुंडाराज?

पुणे। कभी महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाने वाला पुणे शहर अब अपराध और असुरक्षा का गढ़ बनता जा रहा है। हाल ही में शिवशाही बस में हुई बलात्कार की घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राज्य प्रवक्ता मुकुंद किर्दत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पुणे जैसे शहर में, जहां लाखों माता-पिता अपनी बेटियों को पढ़ाई के लिए भेजते हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर किसकी है? जब पुलिस स्टेशन पास में हो, यात्री आस-पास हों, एसटी महामंडल की सुरक्षा व्यवस्था मौजूद हो, फिर भी आपराधिक प्रवृत्ति के लोग इस तरह की जघन्य घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, तो यह सिर्फ स्थानीय प्रशासन की विफलता नहीं, बल्कि राज्य के गृह विभाग की भी नाकामी है।
महिला आयोग की प्रतिक्रिया को भी उन्होंने औपचारिक करार देते हुए कहा कि महिला आंदोलन की पृष्ठभूमि से आने वाली नीलम गोऱ्हे हर घटना के बाद सिर्फ औपचारिक दौरा कर चली जाती हैं, लेकिन इससे अपराध कम नहीं होते। पुणे शहर में बीते दो वर्षों में पुलिस और प्रशासन का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है। चाहे वह कोयता गैंग की घटनाएं हों, मंगलसूत्र लूट हो, सड़क दुर्घटनाएं हों या फिर बलात्कार जैसी अमानवीय वारदातें—सभी मामलों में पुणे अब अपराध का केंद्र बनता जा रहा है।
मुकुंद किर्दत, आप नेता सुनीता काले और सईद अली ने इस मामले को लेकर स्वारगेट बस स्टैंड पर जाकर निरीक्षण किया और राज्यसभा उपसभापति नीलम गोऱ्हे से जवाब मांगने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने अपनी गाड़ी सीधे बस स्टैंड पर लाकर संवाद करने से बचते हुए पुलिस के साथ वहां से निकलना ही उचित समझा।
मुकुंद किरदत का कहना है कि,इस घटना ने साफ कर दिया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं। क्या सरकार इस अपराधीकरण पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी, या फिर पुणे जैसे शहर को पूरी तरह अपराधियों के हवाले कर दिया जाएगा?