स्वामी विवेकानन्द जीवनज्योत संस्था का वार्षिक स्नेह संमेलन एवं स्मरणिका २०२५ विमोचन

पुणे.स्वामी विवेकानन्द जीवनज्योत संस्था (संस्थापक गोवा क्रांतिवीर पद्मश्री मोहन रानडे) का वार्षिक उत्सव और “स्मरणिका 2025” का विमोचन आज मोरेश्वर ऑडिटोरियम, कोथरुड पुणे में उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
इस स्नेह संमेलन में मुख्य अतिथि के रूप में ब्रेल भाषा में चित्रकारी करने वाले चित्रकार चिंतामणि हसबनीस, स्वामी विवेकानन्द जीवनज्योत संस्था के अध्यक्ष एमडी देशपांडे, सचिव श्री श्रीकांत कुलकर्णी, कोषाध्यक्ष श्री सतीश टंकसले, सतीश ब्रह्मे, जयंत पेशवे , प्रकाश जगताप आदि विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
श्री एम.डी. देशपांडे ने संगठन की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा “संगठन ने 500 बच्चों को उच्च शिक्षा, 450 बच्चों को साइकिल, किंडरगार्टन के लिए टॉकिंग वॉल, पासवर्ड नामक नंबर के माध्यम से 5 हजार छात्रों तक ज्ञान पहुंचाने का कार्य, विकलांगों को छोटे व्यवसाय करने के लिए वित्तीय सहायता, बधिर छात्रों के लिए कान दोष की जांच, श्रवण यंत्र का वितरण, नेत्रहीन छात्रों के लिए दूरस्थ कॉलेज प्रतियोगिता और सांगली में मराठी माध्यम के बच्चों के लिए मोहन रानडे मेमोरियल निबंध प्रतियोगिता और अलग-अलग गतिविधियाँ शुरू की गई हैं। ”
चित्रकार हसबनीस ने कहा, “शैक्षिक एवं अन्य सामाजिक क्षेत्रों में सामाजिक प्रतिबद्धता कायम रखने वाली स्वामी विवेकानन्द जीवनज्योत संस्था का कार्य सराहनीय एवं प्रेरणादायक है। एक अंधी लड़की को सड़क पार करने की कोशिश करते देख मुझे एहसास हुआ कि मेरी कला उसके लिए व्यर्थ थी। नेत्रहीन लोगों को पेंटिंग का अनुभव कराने के लिए ब्रेल लिपि सीखी और कैनवास पर ब्रेल लिपि में ही पेंटिंग के बारे में जानकारी देने की कोशिश की। अंधे लोगों के पास अन्य लोगों की तरह पांच इंद्रियां होती हैं, हालांकि उनके पास आंखें नहीं होती हैं, लेकिन अन्य इंद्रियां चित्र देखती हैं। पिछले १० वर्षों से, मैंने अपने काम से साबित कर दिया है कि पेंटिंग को आंखों से देखा जा सकता है और अंधे द्वारा अनुभव किया जा सकता है। जब दृष्टिबाधित और नेत्रहीन दोनों एक साथ आते हैं तो पेंटिंग करना अधिक आनंददायक होता है।”
इस अवसर पर सोसायटी की स्मरणिका २०२५ का विमोचन मुख्य अतिथि चित्रकार चिंतामणि हस्बनीस द्वारा किया गया। स्मरणिका २०२५ का संपादन एवं कवर आर्ट श्री सतीश ब्रम्हे द्वारा किया गया है। इस स्मारिका में विभिन्न विषयों पर जानकारी/लेख शामिल हैं।संस्था के सचिव श्री श्रीकांत कुलकर्णी ने सभी से संस्था को मदद करने की अपील की.