
पुणे: पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) के संपत्ति कर विभाग ने सिंहगढ़ टेक्निकल एजुकेशन सोसायटी (एसटीईएस) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए वडगांव और कोंढवा स्थित 128 संपत्तियों को सील कर दिया है। यह कार्रवाई 345.43 करोड़ रुपये की बकाया संपत्ति कर राशि की वसूली के लिए की गई है।
महानगरपालिका का वित्तीय वर्ष समाप्त होने में मात्र 20 दिन शेष हैं, जिसके चलते अधिकतम बकाया कर की वसूली के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। इससे पहले, दिसंबर 2024 में, एरंडवणे स्थित एसटीईएस के मुख्यालय को सील कर नोटिस जारी किया गया था, लेकिन अब तक संस्था ने बकाया राशि जमा नहीं की है।
वडगांव और कोंढवा में करोड़ों की कर बकाया
महानगरपालिका के अनुसार, वडगांव बुद्रुक स्थित 43 इमारतों पर 198.61 करोड़ रुपये, एरंडवणे की संपत्तियों पर 47.43 करोड़ रुपये और कोंढवा बुद्रुक की छह संपत्तियों पर 20.50 करोड़ रुपये की संपत्ति कर बकाया है। संपत्ति कर विभाग के उपायुक्त माधव जगताप ने बताया कि न्यायालय में लंबित संपत्तियों को छोड़कर अन्य संपत्तियों पर कार्रवाई की जा रही है।
महानगरपालिका जल्द शुरू करेगी नीलामी प्रक्रिया
इससे पहले, एरंडवणे स्थित सिंहगढ़ इंस्टीट्यूट के मुख्यालय को 47.43 करोड़ रुपये की बकाया राशि के कारण सील किया गया था। अब महानगरपालिका इस संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू करने की तैयारी में है।
मनसे का दबाव, प्रशासन पर एक्शन लेने की मजबूरी
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था, जिसके बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की। मनसे के महासचिव हेमंत संभूस ने मांग की है कि सील की गई संपत्तियों से अब तक कितनी राशि की वसूली हुई, इसकी जानकारी उपायुक्त माधव जगताप सार्वजनिक करें।
100 सबसे बड़े कर बकायेदारों की सूची तैयार
महानगरपालिका ने शहर के शीर्ष 100 कर बकायेदारों की सूची भी तैयार की है, जिन पर कुल 334.10 करोड़ रुपये की देनदारी है। इनमें से सबसे अधिक बकाया फुरसुंगी क्षेत्र में है, जहां 18.44 करोड़ रुपये की कर राशि अभी तक जमा नहीं हुई है। इस सूची में कई नामी संस्थानों और व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं।