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छात्राओं की फीस माफी के लिए चंद्रकांतदादा पाटील एक्शन मोड में

फीस माफी के साथ छात्राओं की समस्याओं के लिए समिति बनाने के निर्देश

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पुणे। महाराष्ट्र में महायुति सरकार द्वारा छात्राओं की फीस माफी के फैसले को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदादा पाटील एक्शन मोड में आ गए हैं। आज उन्होंने पुणे के गरवारे कॉलेज का अचानक दौरा कर इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे राज्य के 100 कॉलेजों का इसी तरह निरीक्षण करेंगे।

राज्य सरकार ने छात्राओं की उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यावसायिक और चिकित्सा शिक्षा की फीस माफ करने का निर्णय लिया था। इस योजना के तहत 842 पाठ्यक्रमों के लिए सरकार ने बजट में 2000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी। इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए थे और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निदेशालय के माध्यम से एक विशेष टीम गठित कर छात्राओं की शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही थी।

अब तक इस योजना से कितनी छात्राओं को लाभ मिला है, इसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए मंत्री चंद्रकांतदादा पाटील ने स्वयं निरीक्षण शुरू कर दिया है। आज उन्होंने गरवारे कॉलेज का दौरा कर छात्राओं से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं को समझा।

इस मौके पर मंत्री पाटील ने कहा कि कई छात्राएं आर्थिक तंगी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। इसलिए राज्य सरकार ने छात्राओं की व्यावसायिक और चिकित्सा शिक्षा की फीस माफ करने का निर्णय लिया है। इस योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं, इसका जायजा लिया जा रहा है। उन्होंने छात्राओं से अपील की कि वे 31 मार्च तक कॉलेजों में नियुक्त नोडल अधिकारियों से संपर्क कर फीस माफी के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करें, ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सकें। इसके अलावा, प्रत्येक कॉलेज में छात्राओं और प्रशासन की संयुक्त समिति बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।

इस दौरान मंत्री पाटील ने बताया कि राज्यभर में 100 कॉलेजों का इसी तरह दौरा किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत मुंबई के बांद्रा स्थित थडोमल शहानी कॉलेज से हुई थी, और पुणे का गरवारे कॉलेज दूसरा संस्थान है जहां निरीक्षण किया गया है। कुछ छात्रों ने “कमाओ और सीखो” योजना के तहत मिलने वाले भत्ते को बढ़ाने की मांग की, जिस पर मंत्री पाटील ने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक शैलेंद्र देवळाणकर, सहायक निदेशक प्रकाश बच्चाव सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

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