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पुणे महानगरपालिका ने प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों पर लगाई सख्त रोक

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पुणे: पुणे महानगरपालिका ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल (CPCB) और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी मूर्तियों के निर्माण और विसर्जन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह फैसला पर्यावरण संरक्षण और जल प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।

महानगरपालिका ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देशों के तहत महाराष्ट्र के सभी नगर निगमों और जिला प्रशासन को POP मूर्तियों के निर्माण और विसर्जन पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में 30 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका (PIL 96/2024) पर सुनवाई के दौरान सख्त निर्देश जारी किए गए थे।

महानगरपालिका ने जारी किए दिशा-निर्देश

महानगरपालिका ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

1. प्राकृतिक और जैव-विघटनशील मूर्तियों को बढ़ावा – मूर्तियां केवल शाडू मिट्टी, कागज, लकड़ी या अन्य पर्यावरण अनुकूल जैव-विघटनशील पदार्थों से बनाई जाएंगी। POP, प्लास्टिक और थर्माकोल से बनी मूर्तियों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।

2. कृत्रिम जलाशयों में विसर्जन अनिवार्य – मूर्तियों का विसर्जन केवल कृत्रिम तालाबों, आवासीय परिसरों में बनी टंकियों या मूर्ति स्वीकार केंद्रों में ही किया जा सकेगा।

3. प्राकृतिक रंगों का प्रयोग – मूर्तियों को रंगने के लिए केवल जैव-विघटनशील, जल-आधारित और प्राकृतिक रंगों जैसे हल्दी, चंदन और गेरू का ही उपयोग किया जाए। रासायनिक और ऑइल पेंट्स का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

4. पूजा सामग्री हो पर्यावरण अनुकूल – पूजा में उपयोग किए जाने वाले फूल, वस्त्र आदि पर्यावरण के अनुकूल हों। कांच और धातु से बने बर्तनों का उपयोग किया जाए।

5. प्लास्टिक का उपयोग न करें – एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक प्लेट, कप और अन्य प्लास्टिक सामग्री के उपयोग पर रोक रहेगी। इसकी जगह केले के पत्तों और अन्य प्राकृतिक सामग्री से बनी पत्तल का उपयोग किया जाए।

6. मूर्तियों के आभूषण प्राकृतिक हों – मूर्तियों को सजाने के लिए सूखे फूल, घास-फूस और प्राकृतिक उत्पादों का ही इस्तेमाल किया जाए।

7. गणेश मंडलों और नागरिकों से अपील – सभी गणेश मंडलों और नागरिकों को पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

8. POP मूर्तियों की बिक्री पर कड़ी निगरानी – केवल उन्हीं मूर्तिकारों और विक्रेताओं से मूर्तियां खरीदी जाएं जो न्यायालय और पर्यावरण विभाग के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

9. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई – इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

महानगरपालिका ने स्पष्ट किया है कि ये नियम सभी आने वाले त्योहारों और उत्सवों के दौरान लागू रहेंगे और इसके लिए अलग से कोई नया सर्कुलर जारी नहीं किया जाएगा।

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