जिले में उद्योग अनुकूल नीति का क्रियान्वयन; उद्यमी अपनी समस्याओं की खुलकर जानकारी दें – डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार
उद्योगों की समस्याओं को हल करने के लिए निरंतर संवाद किया जाएगा – जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी

पुणे। जिले में अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश और विकास को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल नीति लागू की जा रही है। प्रशासन का उच्च प्राथमिकता उद्योगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। यदि किसी भी स्तर पर उद्योगों को कोई परेशानी हो रही है, तो वे बेझिझक और निर्भीक होकर इसकी जानकारी दें, ऐसा आह्वान संभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने किया।
एमसीसीआईए में आयोजित औद्योगिक संघटनाओं, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, बड़े उद्योगपतियों और बैंकरों की औद्योगिक निवेश परिषद में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी, पुणे संभाग के उद्योग उपसंचालक शैलेश राजपूत, मराठा चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) के महानिदेशक प्रशांत गिरबाने, महाराष्ट्र उद्यमिता विकास केंद्र के कार्यकारी निदेशक विक्रांत बगाडे, जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक अर्चना कोठारी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
डॉ. पुलकुंडवार ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास में उद्योग क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने और उद्योगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। इसी दिशा में महाराष्ट्र उद्योग, व्यापार और निवेश सुविधा (मैत्री 2.0) पोर्टल बनाया गया है, जो उद्योगों को सभी आवश्यक अनुमतियां और सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर प्रदान करेगा। इससे औद्योगिक निवेश और नए उद्योगों की स्थापना को गति मिलेगी।
प्रशासन उद्योगों के लिए हमेशा उपलब्ध
उन्होंने आगे कहा कि उद्योगों की स्थापना, आधारभूत संरचना संबंधी समस्याओं और असामाजिक तत्वों द्वारा उत्पन्न बाधाओं के समाधान के लिए प्रशासन उद्योगपतियों से नियमित संवाद करता रहेगा। हर तीन महीने में उद्योगों की समस्याओं की समीक्षा की जाएगी। महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) क्षेत्रों में कई बड़े उद्योग स्थापित हो चुके हैं, इसलिए अब निजी क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना आवश्यक है। जिले में निजी औद्योगिक क्षेत्रों के लिए सड़क, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें और अधिक सक्षम बनाने के लिए नीति स्तर पर सुधार किए जाएंगे।
पुणे में विकसित हो रहे बाह्य वर्तुलाकार मार्ग (रिंग रोड) और अन्य आधारभूत संरचनाओं से बाहरी क्षेत्रों में भी उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। पुरंदर हवाई अड्डे के लिए अधिसूचना जारी होते ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी। इसके अलावा, पुणे हवाई अड्डे के रनवे विस्तार कार्य को भी शीघ्र गति दी जाएगी। शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए एकीकृत परिवहन योजना तैयार की गई है, जिससे आंतरिक और बाह्य यातायात समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
उद्योगों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता – जिलाधिकारी डूडी
जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने कहा कि पुणे जिला औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी है और इसके विकास के लिए सरकार और उद्योगों को मिलकर प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, जिला स्तर पर एक समिति गठित की गई है, जो प्रत्येक दो महीने में उद्योगपतियों की बैठक आयोजित करेगी। इस दौरान, उद्योगों को आवश्यक भूमि, बिजली, पानी और मानव संसाधन जैसी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन और MIDC क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार पर भी कार्य किया जा रहा है। पुणे और मुंबई को जोड़ने वाले औद्योगिक कॉरिडोर को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर योजनाएं बनाई जा रही हैं।
कृषि आधारित उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
पुणे जिले में कृषि और कृषि आधारित उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं हैं। यहां कृषि नवाचार, स्टार्टअप्स और प्रगतिशील किसान हैं। पुणे और मुंबई जैसे बड़े बाजारों के साथ-साथ जेएनपीटी जैसे अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह की निकटता के कारण कृषि उत्पादों के निर्यात की भी बड़ी संभावनाएं हैं। इसलिए उद्योगपतियों को कृषि से जुड़े उद्योगों को स्थापित करने के लिए आगे आना चाहिए। शेतकऱ्यांची (किसानों की) आय दोगुनी करने के लिए आधुनिक तकनीकों, कृषि प्रसंस्करण उद्योग और निर्यात बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
अगले महीने प्रशासन देश का पहला पुणे एग्री हैकाथॉन आयोजित करेगा, जिसमें कृषि क्षेत्र में नवाचार करने वाले बड़े उद्योगों और स्टार्टअप्स को आमंत्रित किया जाएगा। इससे नई तकनीकों को सीधे किसानों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
7,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश के 172 समझौते होंगे
इस बैठक में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश के लिए 172 समझौता ज्ञापन (MoUs) किए जाएंगे, जिससे लगभग 50,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। मैत्री 2.0 नीति के तहत राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा रहा है।
एमसीसीआईए के महानिदेशक प्रशांत गिरबाने ने बताया कि पुणे जिला देश के शीर्ष 5 निर्यातक जिलों में शामिल है और इंजीनियरिंग निर्यात में प्रथम स्थान पर है। राज्य में आने वाले विदेशी निवेश में भी पुणे का महत्वपूर्ण योगदान है। इलेक्ट्रिक वाहन नीति और नई औद्योगिक नीति के संबंध में भी उद्योग संगठनों द्वारा सरकार को सुझाव दिए जाएंगे।
इस परिषद में 50 लाख रुपये से लेकर 1,500 करोड़ रुपये तक के निवेश समझौते किए जाएंगे। इस अवसर पर कुछ प्रमुख निवेशकों को सम्मानित भी किया गया।