100 दिवसीय कार्यक्रम में ट्रैफिक जाम दूर करने के उपाय शामिल करें – उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के निर्देश

पुणे। पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों को विश्वास में लेकर संबंधित सभी एजेंसियों को समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए। इस संबंध में प्राप्त सुझावों पर भी विचार किया जाए और 100 दिनी कार्यक्रम में ट्रैफिक जाम दूर करने के उपायों को शामिल किया जाए। यह निर्देश उपमुख्यमंत्री एवं जिले के पालकमंत्री अजीत पवार ने दिए।
विधान भवन में आयोजित ट्रैफिक समस्या की समीक्षा बैठक में वह बोल रहे थे। इस दौरान राज्य मंत्री माधुरी मिसाल, सांसद डॉ. मेधा कुलकर्णी, सुनैत्रा पवार, सुप्रिया सुले, विधायक योगेश टिळेकर, भीमराव तापकीर, सिद्धार्थ शिरोळे, शरद सोनवणे, ज्ञानेश्वर उर्फ माऊली आबा कटके, बापूसाहेब पठारे, बाबाजी काळे, शंकर मांडेकर, विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्त विनय कुमार चौबे, पुणे नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले, महामेट्रो के प्रबंध निदेशक श्रवण हर्डीकर, पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश म्हसे, पीएमपीएल की प्रबंध निदेशक दीपा मुंधोल-मुंडे, पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम आयुक्त शेखर सिंह, जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानन पाटिल, पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ट्रैफिक जाम से निजात के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश
श्री पवार ने कहा कि पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ में बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। सड़कों पर किए गए अतिक्रमण की पहचान कर नगर निगम को तत्काल उसे हटाना चाहिए। साथ ही, सड़क और यातायात परियोजनाओं के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को गति दी जाए। इसके लिए जरूरत पड़ने पर पुलिस विभाग की मदद ली जाए और अत्याधुनिक तकनीक व कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाए। लंबित न्यायालयीन मामलों को भी जल्द से जल्द सुलझाने के प्रयास किए जाएं।
प्रमुख निर्देश:
1. पुणे नगर निगम के पास मौजूद ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली को पुलिस आयुक्तालय को हस्तांतरित किया जाए।
2. नवले पुल का लंबित कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
3. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाएं पुलिस आयुक्त को सौंपी जाएं।
4. अहिल्यानगर और सोलापुर हाईवे पर यात्रियों के लिए निजी ट्रैवल बसों के ठहराव की जगह निर्धारित की जाए। वहां सीसीटीवी, बिजली, शौचालय और पीने के पानी की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
5. चाकण क्षेत्र में ट्रैफिक जाम कम करने के लिए पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम, पुलिस आयुक्तालय और महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) को मिलकर काम करना चाहिए।
6. ट्रैफिक सुचारू बनाए रखने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाए, जिसमें धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
सांसद और विधायकों ने दिए सुझाव
राज्य मंत्री माधुरी मिसाल और सांसद मेधा कुलकर्णी ने ट्रैफिक जाम कम करने के साथ-साथ अवैध अतिक्रमण हटाने का सुझाव दिया। विधायक भीमराव तापकीर, शिवतारे और बापूसाहेब पठारे ने भी ट्रैफिक समस्या के समाधान पर अपने विचार रखे।
पीएमपीएल और पुलिस विभाग की रणनीति
महामेट्रो के प्रबंध निदेशक श्रवण हर्डीकर ने कहा कि जहां मेट्रो नहीं पहुंच सकती, वहां पीएमपीएल की बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ानी होगी। नागरिकों के लिए किफायती किराए की योजना बनाई जाएगी।
पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि भविष्य में जनसंख्या वृद्धि और सड़कों की चौड़ाई को ध्यान में रखते हुए वाघोली, सोलापुर मार्ग समेत विभिन्न स्थानों पर ट्रैवल बसों के लिए नीति बनाना जरूरी है। ट्रैफिक प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
पुणे नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने कहा कि बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी और सभी संबंधित एजेंसियों के समन्वय से लंबित मुद्दों को सुलझाया जाएगा।
पीएमआरडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश म्हसे ने बताया कि शहर और उसके आसपास मल्टी-मॉडल हब विकसित करने की योजना को मंजूरी दी गई है, जिससे यातायात समस्या के स्थायी समाधान में मदद मिलेगी।
बैठक के दौरान पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम आयुक्त शेखर सिंह और अपर पुलिस आयुक्त मनोज पाटील ने ट्रैफिक जाम की स्थिति और इसे कम करने के उपायों पर प्रेजेंटेशन दिया।