पुणे.एमआईटी आर्ट, डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, पुणे और इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जूरिस्ट्स (लंदन) के संयुक्त तत्वावधान में “व्यावसायिक नैतिकता और मानवीय मूल्य” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कानून व्यवसाय में नैतिकता के महत्व को रेखांकित करना और विद्यार्थियों को न्याय व मूल्यों के प्रति प्रेरित करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत एमआईटी-एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. डॉ. मंगेश तु. कराड की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर कुलपति प्रो. डॉ. राजेश एस., प्रो.कुलपति प्रो. डॉ. रामचंद्र पुजेरी, विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। प्रो. डॉ. कराड ने कानून व्यवसाय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “कानून व्यवसाय केवल एक करियर नहीं, बल्कि न्याय और सत्य के लिए संघर्ष करने वाला एक प्रतिष्ठित क्षेत्र है, जो व्यक्ति को समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा प्रदान करता है।”
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्युरिस्ट्स (लंदन) के अध्यक्ष डॉ. आदिश अग्रवाल ने मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा, “कानून व्यवसाय समाज को आकार देने और न्याय के लिए संघर्ष करने का एक सशक्त माध्यम है। यह पेशा नैतिकता और समर्पण की मांग करता है और व्यक्ति को समाज में नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करता है।”
कार्यक्रम के दौरान डॉ. आदिश अग्रवाल ने विद्यार्थियों के साथ संवाद स्थापित किया और अपने अनुभव साझा करते हुए उनके प्रश्नों के उत्तर दिए, जिससे विद्यार्थियों को प्रेरणा मिली। इस कार्यशाला का आयोजन स्कूल ऑफ लॉ की अधिष्ठाता डॉ. सपना सुकृत देव और विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. महेश चोपडे के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में प्रो. आदित्य केदारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।