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पुणे में महापालिका का पानी भी पीने योग्य नहीं! जाँच में जीवाणुओं और विषाणुओं की पुष्टि

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पुणे। सिंहगढ़ रोड क्षेत्र में गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) के प्रकोप के बाद महापालिका ने पानी की जाँच अभियान शुरू किया। इस क्षेत्र के पानी के नमूने विभिन्न प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजे गए। जाँच में यह खुलासा हुआ कि महापालिका की जल आपूर्ति, निजी टैंकरों और रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) संयंत्रों का पानी पीने योग्य नहीं है। सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के 70 नमूनों में जीवाणु और विषाणु पाए गए हैं।

GBS प्रभावित क्षेत्र के महापालिका जलापूर्ति के 1,618 नमूनों की जाँच पर्वती जल केंद्र में की गई, जिसमें से 12 नमूने पीने योग्य नहीं पाए गए। इनमें कॉलिफॉर्म और ई-कोलाई नामक जीवाणु मिले। वहीं, निजी टैंकरों के 18 पानी के नमूनों की जाँच में से 15 नमूने अशुद्ध पाए गए, जबकि 3 नमूनों की रिपोर्ट अभी लंबित है। इसके अलावा, 36 RO संयंत्रों के पानी के नमूने जांचे गए, जिनमें से 23 नमूने पीने योग्य नहीं पाए गए।

राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) में सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के 206 पानी के नमूनों की जाँच की गई। इनमें से 6 नमूनों में नोरोवायरस पाया गया। वहीं, किरकिटवाड़ी के मोरया सोसायटी के नल के पानी के एक नमूने में कैंपाइलोबैक्टर जेजुनी नामक जीवाणु पाया गया। सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला ने भी इस क्षेत्र के 43 पानी के नमूनों की जाँच की, जिनमें से 13 नमूने अशुद्ध पाए गए। इनमें से 6 नमूनों में ई-कोलाई और 9 नमूनों में कॉलिफॉर्म जीवाणु मिले। ये नमूने नांदेड विहीर, निसर्ग हाइट्स विहीर और DSK विश्व जल टंकी के थे।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद नागरिकों में भय और चिंता का माहौल है। महापालिका से मांग की जा रही है कि जल्द से जल्द स्वच्छ जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए और दूषित पानी से फैलने वाली बीमारियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

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