पुणेशहर

 बजट संतुलित लेकिन कई बातों पर सरकार  ध्यान ‌नहीं_ विनोद बंसल 

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पुणे. आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार सातवें बजट की प्रस्तुति की गई। बजट पर समग्र रूप से दृष्टिकोण रखें तो यह बजट संतुलित बजट कहा जाएगा। लेकिन बजट में अनेक मुद्दे ऐसे हैं जिन पर संभवतः सरकार और वित्त मंत्री का ध्यान नहीं गया अन्यथा यह बजट और भी जन उपयोगी और प्रभावी होता था। यह प्रतिक्रिया वरिष्ठ उद्योगपति भवन निर्माता और अग्रवाल समाज फेडरेशन के उपाध्यक्ष विनोद शिवनारायण बसल ने व्यक्त  की।

बंसल ने कहा कि बजट में महिलाओं, किसानों और युवाओं पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है और उनके कार्यों की सराहना भी की गई है। इसके साथ ही इनकम टैक्स पर भी कुछ हद तक ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह खेदजनक बात है कि पूरे बजट में महाराष्ट्र का कहीं भी उल्लेख नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि घर अथवा फ्लैट खरीदने वालों के लिए और भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के लिए बजट में ध्यान नहीं दिया गया है। भवन निर्माण क्षेत्र में लगने वाले समान में यदि छूट की घोषणा की जाती तो घर खरीदने वालों को निश्चित तौर पर इसका लाभ मिलता और घरों की कीमत सस्ती होती लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। फ्लैट पर लगने वाली जीएसटी की लिमिट बढ़ाई जाए ऐसी अपेक्षा फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों की थी लेकिन वित्त मंत्री का ध्यान इस पर नहीं गया।

बंसल में कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए भी बजट में अपेक्षित बदलाव नहीं किए गए। इस पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि देश के लोगों के लिए खासकर गरीबों के लिए आयुष्मान कार्ड वरदान साबित हो रहा है इसकी 5 लाख की लिमिट को और बढ़ाया जाना चाहिए था। इसी प्रकार बड़े शहरों के बड़े अस्पतालों द्वारा जानबूझकर आयुष्मान कार्ड स्वीकार नहीं किया जाता है इसके लिए भी वित्त मंत्री द्वारा बजट में कोई ठोस उपाय किया जाना था जिसे नहीं किया गया इस पर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

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