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"पर्यावरणीय न्याय" पर अंतरराष्ट्रीय बहुविषयक सम्मेलन 19 जनवरी को पुणे में

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पुणे। इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर सोशल डेवलपमेंट एंड रिसर्च के अंतर्गत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी महाविद्यालय (खेड, जिला अहिल्यानगर) की ओर से “पर्यावरणीय न्याय: दक्षिण एशिया में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समस्याएं” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय बहुविषयक सम्मेलन का आयोजन किया गया है। यह सम्मेलन 19 जनवरी 2025 को गांधीभवन, कोथरुड, पुणे में आयोजित होगा।

इस आयोजन में महाराष्ट्र गांधी स्मारक निधि, महाराष्ट्र भूगोल परिषद, ग्लोबल फाउंडेशन और पैंजिया जिओग्राफिकल एसोसिएशन सहयोगी संस्थाएं हैं।

पत्रकार वार्ता में मिली जानकारी
पुणे श्रमिक पत्रकार संघ में आयोजित पत्रकार वार्ता में महाराष्ट्र भूगोल परिषद और पैंजिया जिओग्राफिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण सप्तर्षी, महाराष्ट्र गांधी स्मारक निधि के सचिव अनवर राजन, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दिलीपसिंह निकुंभ, प्रा. संतोष माने और प्रा. डॉ. सुनील पाचर्णे ने सम्मेलन की जानकारी दी।

सम्मेलन का उद्घाटन और प्रमुख अतिथि
सम्मेलन का उद्घाटन अल-कुद्स यूनिवर्सिटी, फिलिस्तीन के प्रो. डॉ. मुनथेर मोहद इब्राहिम करेंगे। पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर सोलापुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रकाश महानवर सम्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
मुख्य भाषण फार ईस्ट यूनिवर्सिटी, ढाका, बांग्लादेश के कुलपति प्रो. रकीब अहमद देंगे।
आमंत्रित वक्ताओं में केलोनिया यूनिवर्सिटी, श्रीलंका के प्रो. डॉ. अमरसिंघे, ‘पानी पंचायत’ की कल्पना साळुंके, गोवा के उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. डॉ. नदाफ और आईआईटी (मुंबई) के डॉ. हेमंत बेलसरे प्रमुख हैं।

150 शोध पत्र होंगे प्रस्तुत
यह सम्मेलन सुबह 10 बजे शुरू होगा। इसमें नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और भारत के 150 युवा शोधकर्ताओं द्वारा तीन समानांतर सत्रों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।

सम्मेलन का उद्देश्य
यह सम्मेलन आम जनता के लिए खुला है और इसका उद्देश्य शैक्षणिक, औद्योगिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनसामान्य को एक मंच पर लाना है, ताकि पर्यावरणीय न्याय के मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा और विचार-मंथन किया जा सके।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक राजनीतिक व्यवस्था, राष्ट्रीय आर्थिक संरचना और संपत्ति के केंद्रीकरण से उत्पन्न असमानता के प्रभावों को समझकर उनके समाधान ढूंढना और पर्यावरणीय न्याय के माध्यम से समाज का कल्याण करना है।

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