पुणे: पानीपत युद्ध की 265वीं स्मृति पर और इस युद्ध में बलिदान देने वाले मराठा वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए महादजी शिंदे छत्री, वानवडी में पानीपत शौर्य दिवस का आयोजन किया गया। इसी कार्यक्रम के दौरान ग्वालियर की महारानी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की माताजी स्व. माधवीराजे सिंधिया की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गई।
इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तमराव शिंदे सरकार की ओर से किया गया था। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों के रूप में सदानंदजी मोरे (जगतगुरु संत तुकाराम महाराज के वंशज और इतिहास विशेषज्ञ), पांडुरंगजी बलकवडे (वरिष्ठ इतिहासकार), प्रशांतजी जगताप (पूर्व उपमहापौर, पुणे मनपा), एडवोकेट विकास खामकर (वर्तमान अध्यक्ष, पुणे बार एसोसिएशन), एडवोकेट विकास ढगे पाटिल (पूर्व अध्यक्ष, पुणे बार एसोसिएशन), आबासाहेब पाटिल (प्रसिद्ध शिवव्याख्याता), रणवीर सत्यपाल शिंदे सरकार (नाशिक), राजाभाऊ राऊत (उद्यमी), राजाभाऊ कोटमे (प्रबंधक, कोटमगांव), पूर्व विधायक जगदीराजी मूलिक, मोहनरावजी शिंदे सरकार, विशाल पाटिल, एडवोकेट प्रवीण गायकवाड़, चंद्रकांत शितोळे, उत्तमराव मांढरे, यशवंतजी भोसले और प्रो. प्रकाश दलवी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान महापराक्रमी महाराज महादजी शिंदे के मंदिर में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद, मान्यवरों द्वारा पानीपत की पवित्र मिट्टी से भरे कलश का पूजन किया गया।
सदानंदजी मोरे ने इस अवसर पर पानीपत युद्ध की गौरवशाली कथा और अपने अनुभव साझा किए। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और उद्यमी उत्तमराव शिंदे सरकार तथा स्थानीय नागरिकों की ओर से इस कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।