गणेश जयंती

“गणेश का जन्मदिन”, जिसे माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है, यह एक हिंदू त्योहार है। इस दिन ज्ञान के देवता गणेश का जन्म दिवस मनाया जाता है। यह एक लोकप्रिय त्योहार है। विशेष रूप से भारतीय राज्य महाराष्ट्र में और गोवा में भी मनाया जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ के महीने में शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन जनवरी / फरवरी का महीने आता है।
गणेश जयंती और गणेश चतुर्थी त्योहार के बीच का अंतर यह है कि बाद वाला त्योहार अधिक लोकप्रिय, और लगभग अखिल भारतीय स्तर पर अगस्त/सितंबर के महीने में मनाया जाता है। एक परंपरा के अनुसार, गणेश चतुर्थी को गणेश जी का जन्मदिन भी माना जाता है। गणेश के इस त्योहार को उत्तर प्रदेश में तिलो चौथ या सकट चौथिस भी कहा जाता है।
गण यानी समूह अच्छे विचार सद्गुण सत्कर्मों को जीवन मे लाकर नकारात्मक विचारों और दुर्गुणों को खत्म करके आधिपत्य जमाना जीवन का सही नेतृत्व माना जाता है।
गणेश का अर्थ यही है की ग से गगन जैसा हमारा हृदय और मन विशाल होना चाहिए। ण से नकारात्मक नकारात्मक विचारों को तिलांजलि देनी है जिससे हम विचारों से ऐश्वर्यावन बने। श से शिव बनना है। शिव जैसी जहर विष पचाने की शक्ति हमें प्राप्त हो। हम स्थितप्रज्ञ बने।
अष्टविनायक अषटरूप का अर्थ यह है कि हमारे जीवन में काम क्रोध लोभ मोह मद मत्सर अहंकार और अज्ञान को एक एक रूप से नष्ट किया है।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में गणेशोत्सव का जो सार्वजनिक पौधरोपण किया था वह अब विराट वट वृक्ष का रूप ले चुका है। 1893 में जब बाल गंगाधर जी ने सार्वजानिक गणेश पूजन का आयोजन किया तो उनका मकसद सभी जातियो धर्मो को एक साझा मंच देने का था जहा सब बैठ कर मिल कर कोई विचार करे।
महाराष्ट्र में लोगों ने ब्रिटिश शासन के दौरान बहुत साहस और राष्ट्रवादी उत्साह के साथ अंग्रेजों के क्रूर व्यवहार से मुक्त होने के लिए मनाना शुरु किया था।
गणेश जी बुद्धि और विद्या के अनुष्ठान देवता है। हर एक समस्या की तह तक जाना उसकी मिमासा करना उसके निष्कर्ष तक पहुंचना उनका शौक था। मूषक भी तर्क वितर्क में पीछे नहीं है। हर वस्तु को काट छांट कर रख देता है और उतना ही फुर्तीला है। गणेश जी का यह
वाहन जागृत रहने का संदेश देता है।
मूर्ति लहान कीर्ति महान मतलब हमें अपने जीवन में छोटी-छोटी चीजों से अपना जीवन विकास करने के लिए
हमेशा प्रामाणिक प्रयत्न करते रहना चाहिए। गणेश जयन्ती के इस शुभ अवसर पर हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हम भी साथ रहेंगे एकता को बढ़ाएंगे और धर्मनिरपेक्ष रहकर सबका साथ सबका विकास करते रहेंगे। भगवान में शक्ति दे भक्ति दे इसी विनती के साथ सभी वैष्णव को गणेश जयंती की अनेक शुभकामनाएं। जय श्री कृष्णा।
नरेंद्र गिरधरलाल वाणी