
पुणे। गुरुवार 13 मार्च को होली और 14 मार्च को धूलिवंदन का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। भारतीय संस्कृति और परंपराओं में होली का विशेष महत्व है। होली को होलिकादहन भी कहा जाता है। इस अवसर पर घरों और गलियों में रांगोली बनाई जाती है, पताकाएं सजाई जाती हैं और होली दहन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं।
गृहिणियां होली के लिए पारंपरिक गौरियां बनाने में व्यस्त हैं, तो दूसरी ओर बाजारों में भी भारी चहल-पहल देखने को मिल रही है। धूलिवंदन, जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है, के लिए बाजारों में रंगों और पिचकारियों की भरमार है। बच्चे अपनी पसंद की पिचकारी और रंग खरीदने के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं।
खासकर बच्चों के लिए बाजारों में रंग-बिरंगी पिचकारियों की आकर्षक रेंज उपलब्ध है। खरीदारी के दौरान एक दादी अपने नातियों को पिचकारी खरीदकर देती नजर आईं, जिससे त्योहार का उमंग और बढ़ गया। रंगों के इस महापर्व की तैयारी से पूरा माहौल उल्लास से भर उठा है।