पुणे की सड़कों पर बाढ़: पीएमसी कमिश्नर ने खुले इलाकों में कंक्रीट डालने के लिए हाउसिंग सोसायटियों को जिम्मेदार ठहराया
पुणे। बारिश के कारण शहर की सड़कों पर बाढ़ और जलभराव को लेकर नागरिकों और राजनीतिक दलों की आलोचना का सामना कर रहे पुणे नगर आयुक्त राजेंद्र भोसले ने कहा कि शहर में बाढ़ और जलभराव का एक प्रमुख कारण हाउसिंग सोसाइटियों में जमीन का कंक्रीटीकरण है।
उन्होंने कहा, “हमने भारी बारिश के कारण शहर में हाल ही में आई बाढ़ और जलभराव की समीक्षा की। मुझे बताया गया कि हाउसिंग सोसाइटी की ज़मीनों पर बहुत ज़्यादा कंक्रीट का काम हो गया है, जिससे जलभराव और बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है।”
भोसले ने कहा कि जमीन में पानी रिसने के लिए कोई खुली जमीन नहीं है। उन्होंने कहा, “बाढ़ और जलभराव की समस्या को हल करने के लिए सभी का सहयोग होना चाहिए। हाउसिंग सोसाइटियों को अपने परिसर में खाली जमीन पर गड्ढे बनाने चाहिए ताकि पानी रिस सके।” उन्होंने कहा कि पीएमसी जल्द ही हाउसिंग सोसाइटियों के लिए एक नीति बनाएगी कि वे अपने क्षेत्र में पूरी जमीन को कंक्रीट से न भरें।
भोसले ने कहा कि शहर के नालों में अप्रत्याशित भारी बारिश के कारण वर्तमान में आ रहे पानी को वहन करने की क्षमता नहीं है।
उन्होंने कहा कि पीएमसी पुराने स्थानों की पहचान कर जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए काम कर रही है। नालों के मार्ग बदलने और बंद करने की भी जांच की जाएगी।
कात्रज-कोंढवा मार्ग पर सड़क निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में एक लड़की के डूबने की घटना पर भोसले ने कहा कि निर्माण स्थल पर सुरक्षा उपाय नहीं करने के लिए ठेकेदार और नगर अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।