धनगर समाज का अनुसूचित जनजाति में समावेश करने के लिए सकारात्मक प्रयत्न – मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
सकल धनगर जनजाति समन्वय समिति के शिष्टमंडल से की चर्चा
मुंबई .धनगर समाज का अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग में समावेश करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएं जाएंगे. यह समावेश कानून के दायरे में रह सकें और अन्य किसी भी समाज पर अन्याय करनेवाला नहीं होगा, इस तरह के प्रयास किये जाएंगे, यह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज यहाँ पर बताया.
धनगर समाज का अनुसूचित जनजाति में समावेश करने की मांग को लेकर चल रहें आंदोलन के मद्देनजर सकल धनगर जनजाति (जमात) समन्वय समिति के शिष्टमंडल की मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सह्याद्री राज्य अतिथिगृह में बैठक हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री ने आंदोलकों से दूरध्वनी से संपर्क किया और उनसे बातचीत भी की.
बैठक में राज्य उत्पादन शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ आय. एस. चहल, आदिवासी विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय वाघमारे, सामाजिक न्याय विभाग के सचिव गणेश पाटील उपस्थित थे. साथ ही अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे, प्रधान सचिव विनिता वेद-सिंघल आभासी पटल (दूरदृश्य संवाद प्रणाली) के माध्यम से उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि धनगर समाज का अनुसूचित जनजाति में समावेश की मांग बहुत सालों से लंबित है. यह समावेश हों, इसके लिए कानून के विहित पद्धति का स्वीकार करना पड़ेगा, इसके लिए सचिव स्तर पर जल्द पहल करने के लिए भी प्रयास किये प्रयास किये जाएंगे. इसमें राज्य के महाधिवक्ता, विधि व न्याय विभाग की सलाह भी ली जाएगी. आदिवासी विकास विभाग समेत संबंधित अन्य विभागों के सचिव और समन्वय समिति के सदस्यों का सक्रिय सहभाग लेकर अन्य मांगों को लेकर भी तत्काल कार्यवाही हों, ऐसे निर्देश भी मुख्यमंत्री ने संबंधितों को दिए.
इस दौरान धनगर समाज का अनुसूचित जनजाति में समावेश करने के संदर्भ में गठित डॉ सुधाकर शिंदे समिति को भी जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश इस बैठक में दिए गए. इस दौरान डॉ. शिंदे ने समिति के कामों की जानकारी दी.